जानिये क्या है फायरमैन बनने के फायदे और कैसे बन सकते है फायरमैन
आजकल आगजनी की घटनाये लगातार बढती जा रही हैं| इसी को ध्यान में रखके आजकल फायर इंजिनियर और फायरमैन की डिमांड बढती जा रही है| फायरफाइटिंग आज एक उभरता हुआ करियर विकल्प बन गया है|
फायर फाइटर कई तरह के प्रक्षिक्षण लेते हैं जैसे आग से निपटने के तरीके, आग लगने के प्रकार, आग बुझाने के लिए इक्विपमेंट कैसे इस्तेमाल करें, लोगो को कैसे सुरक्षित निकाले, आदि| इसमें आग से निपटने के लिए सूझबूझ और साहस का प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है| इसमें करियर के बेहतरीन आप्शन है|
नौकरी के कई सारे अवसर
आप कई सारे रोजगार पा सकते हैं अगर एक्सपर्ट्स की माने तो| एक समय में फायर स्टेशन बस मेट्रो शहरों में होते थे! आज आप हर कसबे और जिले में एक फायर स्टेशन पाएंगे| आजकल हर प्राइवेट और सरकारी डिपार्टमेंट में एक फायर इंजिनियर की पोस्ट हमेशा अनिवार्य होती है| फायरमैन ट्रेनिंग के बाद आप कई जगहों पे अवसर पा सकते है जैसे निर्माण उद्योग, केमिकल और एलपीजी प्लांट, रिफाइनरी, गैस फैक्ट्री, इंश्योरैंस असेसमेंट, बिल्डिंग निर्माण और आर्किटेक्चर|
अच्छा वेतन
शुरुआत में आप २० हजार तक इस फील्ड में कमा सकते हैं| कुछ सालों बाद अच्छे अनुभव के साथ आप १ लाख तक कमा सकते है वो भी हर महीने| इससे भी बेहतर, आप खुद की फ्रैंचाइज़ी भी शुरू कर सकते है 15 से 20 साल के अनुभव के साथ|
अच्छी ट्रेनिंग
फायरमैन ट्रेनिंग एक बेहतरीन और चुनौतीपूर्ण करियर आप्शन है| आग लगने के कारण जानने और उसे रोकने के आलावा आपको बहुत सारे कार्य करने होते है| आपको तकनिकी जानकारी दी जाती है जैसे अग्निशमन यंत्रों का प्रयोग करना, अलार्म, स्प्रिंकलर सिस्टम, पानी की बौछार का सही और सटीक उपयोग और कैसे ज्यादा से ज्यादा जान माल को बचाया जाये वो भी कम संसाधनों से|
शारीरिक और शैक्षनिक कुशलता
फायरमैन ट्रेनिंग की सबसे अच्छी बात यही है की आप केवल 12वीं कक्षा कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीण करके भी ज्वाइन कर सकते हैं| इसके आलावा आप एंट्रेंस एग्जाम भी दे सकते हैं अगर आपको बी.इ. (फायर) डिग्री कोर्स ज्वाइन करना हो तो| हालांकि आपकी शारीरिक कुशलता भी आंकी जाती है अगर आप करियर बनाना चाहते हैं तो| पुरुषो और महिलाओं की शारीरिक योग्यता इस प्रकार है –
पुरुष
- न्यूनतम लम्बाई – 165 सेंमी
- वजन – 50 किग्रा.
महिलाएं
- वजन – 46 किग्रा.
- न्यूनतम लम्बाई – 157 सेंमी.
नजरे बिना सहायता के 6/6 होनी चाहिए और दोनों के लिए उम्र सीमा 19 से 23 वर्ष हैं|